आईएएस रानू साहू को सुप्रीम कोर्ट से कोल लेवी के मामले में अंतरिम जमानत मिल गई. लेकिन, इसके बावजूद उनकी मुश्किल कम नहीं होगी. क्योंकि, ईओडब्ल्यू ने निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई, रानू साहू और वरिष्ठ अधिकारी सौम्या चौरसिया के खिलाफ तीन नई एफआईआर दर्ज की हैं|
रायपुर. भष्टाचार के मामलों में फंसे निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई, रानू साहू और वरिष्ठ अधिकारी सौम्या चौरसिया की तकलीफ कम होने का नाम नहीं ले रही. आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (Economic Offences Wing-EOW) ने तीनों के खिलाफ तीन नई एफआईआर दर्ज की हैं. तीनों आरोपी अधिकारियों के खिलाफ जांच एजेंसी ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की धाराओं में केस दर्ज किए हैं. इस बीच सुप्रीम कोर्ट से निलंबित आईएएस रानू साहू और दीपेश टांक को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने कोल लेवी मामले में दोनों को 7 अगस्त तक अंतरिम जमानत दी है. इसके बावजूद साहू की परेशानी कम नहीं होगी.
जानकारी के मुताबिक, ईओडब्ल्यू ने वरिष्ठ अधिकारी सौम्या चौरसिया के परिवार के नाम पर 9 करोड़ 20 लाख रुपये की 29 9 अचल संपत्ति होने की पुष्टि की है. यह संपत्ति साल 2021 से 2022 के बीच खरीदी गई है. निलबित आईएएस रानू साहू पर साल 2015 से 2022 तक करीब चार करोड़ रुपए की अचल संपत्ति खुद के नाम और पारिवारिक सदस्यों के नाम पर खरीदने का आरोप है. जबकि, निलबित आईएएस समीर बिश्नोई का साल 2010 से 2022 तक का कुल वेतन 93 लाख रुपये सामने आया है. इसी समय उन्होंने पत्नी प्रीति गोधरा के नाम से 5 करोड़ रुपये की कई अचल संपत्ति क्रय की. सूत्रों के मुताबिक, यह संपत्ति वेतन से 500 गुना अधिक है.
आईएएस रानू साहू और दीपेश टांक को जमानत
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने आईएएस रानू साहू और दीपेश टांक को कोल लेवी मामले में अंतरिम जमानत दे दी है. यह मामला 540 करोड़ रुपये संबंधित है. ईडी ने छत्तीसगढ़ में जांच के बाद कोल लेवी स्कैम का खुलासा किया था. इसमें आइएएस रानू साहू के अलावा आइएएस समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया था. बताया जाता है कि इन अधिकारियों के अलावा ईडी कुछ कांग्रेस नेताओं और कारोबारियों से भी इस मामले में पूछताछ कर चुकी है. जांच एजेंसी ने इनके घरों से कुछ दस्तावेजों को भी जब्त किया था.