छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में किए जायेंगे महत्वपूर्ण बदलाव, विश्व स्तरीय शिक्षा दिलाने की होगी प्रयास
’मुख्यमंत्री, वित्तमंत्री से स्वीकृति के बाद जल्द शुरू होगी 33 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया’
शिक्षा मंत्री ने ली स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक
रायपुर|छत्तीसगढ़ में नये शिक्षा सत्र प्रारंभ होने से पहले शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। जिसमें शिक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए तथा विभिन्न कार्ययोजनाओं पर चर्चा की गई। बैठक में शिक्षकों की भर्ती, वेतन विसंगति, पदोन्नति, नई शालाओं के निर्माण समेत विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा कर जानकारी ली।
मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में शिक्षा के स्तर को विश्व स्तरीय बनाने के लिए हम लगातार कार्य कर रहे हैं राज्य में शिक्षकों के 33 हजार रिक्त पदों पर मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री से स्वीकृति के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू की जायेगी। इसके साथ ही राज्य में वेतन विसंगति और संयुक्त संचालक, उप संचालक, प्राचार्य, व्याख्याता, उच्च वर्ग शिक्षक, प्रधानपाठक (माध्यमिक शाला) की पदोन्नति के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया। मंत्री ने इन सारी विसंगतियां को जल्द से जल्द दूर करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
मंत्री अग्रवाल ने सभी शासकीय और गैर शासकीय स्कूलों में निःशुल्क पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने के लिए पाठ्य पुस्तक निगम को निर्देश देते हुए कहा कि पुस्तकों को जिला स्तर पर उपलब्ध कराया जाए, वहां से सभी स्कूलों में शिक्षा सत्र प्रारंभ होने से पहले ही भेज दिया जाए। उन्होंने प्रदेश के जर्जर होते स्कूलों की बिलिं्डग और नए भवनों के निर्माण के लिए डीएमएफ और सीएसआर मद से कार्य कराने के निर्देश दिए। निर्माण कार्यों के लिए शिक्षा विभाग की अलग से इंजीनियरिंग सेल निर्माण प्रक्रिया को जल्द ही पूर्ण करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिया। साथ ही विश्व स्तरीय शिक्षा मुहैया कराने के लिए सभी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम और ई-क्लास रूम बनाने के निर्देश दिए। साथ ही राज्य के ज्यादा से ज्यादा स्कूलों का पीएम श्री योजना के तहत अपग्रेडेशन करने के निर्देश दिए हैं।
श्री अग्रवाल ने राज्य के समस्त शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में मैथ्स, साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स संकाय शुरू करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने अनुदान प्राप्त अशासकीय शालाओं की समय-समय पर जाँच एवं निरीक्षण करने को भी कहा एवं अशासकीय शालाओं में आर.टी.ई. के शुल्क की प्रतिपूर्ति की जानकारी ली। उन्होंने अशासकीय शालाओं में शुल्क वृद्धि, गणवेश, पुस्तक खरीदी एवं आर.टी.ई के तहत प्रवेश में गड़बड़ी न हो इसके लिए जिला स्तर पर कमेटी गठित करने को भी कहा जिसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो और नियम विरूद्ध कार्य करने वाले शालाओं के विरुद्ध कार्यवाही के भी निर्देश दिए। उन्होंने बेहतर निजी विद्यालयों को अनुदान देकर विद्यार्थियों को इसमें शिक्षा दिलाने पर जोर दिया।
शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल ने विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक शैक्षणिक सत्र में दो बोर्ड परीक्षाएं आयोजित किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही कमजोर बच्चों के लिए जिला स्तर पर कोचिंग केंद्र खोलने की बात कही। साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर शुरू करने के भी निर्देश दिए। विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा का सही ज्ञान देने के लिए भाषा एक्सपर्ट की नियुक्ति के साथ ही जिन क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी है उसे तत्काल पूरा करने के लिए अतिथि शिक्षकों की भर्ती के निर्देश दिए हैं।
शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल ने राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए विभाग को शिक्षकों के उचित प्रशिक्षण के लिए निर्देश दिए। साथ ही डाईट सेंटर का फिर से कायाकल्प किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर दूसरे राज्यों से भी राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षकों को बुलाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा में समन्वय के लिए एक समिति बनाने को भी कहा है। श्री अग्रवाल ने अधिकारियों से अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन /2047“ विजन डॉक्यूमेंट को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही न्योता भोज कार्यक्रम की समीक्षा की।
समीक्षा बैठक में स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, समग्र शिक्षा प्रबंध संचालक संजीव झा, लोक शिक्षण संचालक श्रीमती दिव्या मिश्रा, एससीईआरटी संचालक राजेंद्र कटारा, प्रबंध संचालक पाठ्य पुस्तक निगम कुलदीप शर्मा, सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल श्रीमती पुष्पा साहू एवं स्कूल शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।