राज्य में 80% वक्फ संपतियों पर कब्जा;प्रदेश में कई मुतवल्लियों पर FIR की तैयारी, डॉ सलीम राज का दावा 7000 से अधिक संपत्तियां

रायपुर।संसद में नया वक्फ संशोधन विधेयक पेश होने की सुगबुगाहट से छत्तीसगढ़ की मस्जिदों, मदरसों, कब्रिस्तानों से लेकर वक्फ बोर्ड तक में हड़कंप मचा हुआ है। वह इसलिए क्योंकि बीते दो दशक में बड़ी संख्या में वक्फ संपत्तियां बेची गईं। इन पर बेतहाशा कब्जे हुए, या करवाए फिर गए। मस्जिदों से वक्फ दस्तावेत गायब हैं। यह खुलासा एक मीडिया हाउस की पड़ताल में हुआ है।

और खुद राज्य वक्फ बोर्ड ने इन सभी बातों को स्वीकार किया है। राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज का दावा है कि राज्य में 7000 से अधिक वक्फ संपत्तियां हैं। सैंकड़ों तो बेचकर रजिस्ट्री तक कर दी गई है। इसकी जानकारी शिकायतें मिलने पर पता लगी है। राज्य में 80% वक्फ संपत्तियों पर कब्जे हैं। 5% संपत्तियां बेची गईं। सैंकड़ो के दस्तावेज तक नहीं है।मुतवल्लियों तक ने जमीन बेचीं हैं। जानकारी मिलने पर सीधे एफआईआर करवा रहे हैं। यह भी सामने आया कि रायपुर की सबसे प्राइम लोकेशन मालवीय रोड में 600 करोड़ की वक्फ प्रॉपर्टी पर 40 दुकानें तन गई हैं। इन सभी दुकानदारों को वक्फ बोर्ड ने नोटिस जारी किया है। रायपुर एक्सप्रेस वे पर वक्फ की 42 एकड़ जमीन में से 12 एकड़ पर कब्जा है। उन्हें भी नोटिस जारी हुआ है।

नियमानुसार वक्फ संपत्तियों का सर्वे 10 साल में होना चाहिए, पर मैनपॉवर के अभाव में यह नहीं हो रहा। जिला कमेटियां, वक्फ इंस्पेक्टर और ऑडिटर तक नहीं है। निगरानी न होने से संपत्तियों की बंदरबांट मची हुई है।

वक्फ बोर्ड अध्यक्ष बोले… मुतवल्लियों ने जमीन बेचीं, एफआईआर करा रहे

रायपुर के मालवीय रोड की दुकानें, जिन्हें वक्फ अपनी संपत्ति बता रहा है।

केस 1- डोंगरगांवः ब्योरा मांगा तो बेदखल किया डोंगरगांव के अब्दुल बाबर अंसारी ने सुन्नी मुस्लिम जमात जामा मस्जिद डोंगरगांव में 3 जून 2024 को लिखित में मस्जिद में वक्फ की गई जमीन का ब्योरा मांगा। बाबर का आरोप है कि इससे नाराज होकर मस्जिद अध्यक्ष-सचिव ने 7 जून उसे परिवार सहित जमात से बेदखल कर दिया। मीडिया ने जब बाबर, और उनके परिवार से मिले तो.. बाबर जमात के आयोजनों में हलवाई का काम करते थे, पर मस्जिद प्रबंधन की कार्रवाई के बाद उन्हें कोई काम नहीं दे रहा। बाबर ने टीआई, एसपी, कलेक्टर, वक्फ बोर्ड अध्यक्ष से लेकर गृहमंत्री विजय शर्मा से न्याय की गुहार लगाई। इस पर मस्जिद कमेटी के सचिव डॉ. बशीर बोले- पहले जमीन बिकी थी। वक्फ बोर्ड का कागज आया तो रद्द कर दिया। रमजान के बाद जांच होगी।

केस 2- पुरानी बस्ती मस्जिद की जमीन बेची पुरानी बस्ती मस्जिद के मुतवल्ली हाजी निजामुद्दीन बताते हैं- कुरा गांव, धरसींवा में 40 साल पहले हाजी नियाज ने 13 एकड़ जमीन मस्जिद में वक्फ की थी। 2 साल पहले पता चला कि जमीन तुकड़ों में बिक गई। रजिस्ट्रियों पर रोक लगवाने आवेदन दिए।

केस 3- जामा मस्जिद समेत कई जगह कब्जे जामा मस्जिद के सदर अब्दुल फहीम कहते हैं- 2022 में नई कमेटी बनने के बाद अब दस्तावेज व्यवस्थित हुए हैं। मौहदापारा में वक्फ की 25 दुकानों का किराया लेना शुरू किया है। पंडरी बस स्टैंड के सामने भी वक्फ हुई 1 एकड़ जमीन पर कब्जा हो चुका है।

केस 4- वक्फ बोर्ड ने FIR करने को कहा चरौदा मस्जिद के मुतवल्लली मिर्जा निशार बेग, सचिव रहमत खान समेत अन्य ने मिलकर वक्फ संपत्ति बेची। वक्फ बोर्ड सीईओ डॉ. एसए फारूखी ने एपसी को पत्र लिखकर एफआईआर करने को कहा है।

विवाद… प्रदेश में 70% वक्फ संपत्तियां शहरी क्षेत्र में, 68 मामले हाई कोर्ट में चल रहे हैं

  • छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के मुताबिक उसकी 2161 संपत्तियां रिकॉर्ड में हैं। जबकि केंद्रीय पोर्टल में संपत्तियंत्र 4230 है, जो राज्य के आंकड़ों से दोगुनी है। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्रीय सर्वे में मस्जिद को एक प्रॉपर्टी माना, और अगर उसके साथ वक्फ (दान) की संपत्तियां हैं तो उन्हें अलग-अलग काउंट किया।
  • रायपुर, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव, धमतरी और बिलासपुर में सर्वाधिक वक्फ संपत्तियां हैं। वक्फ की 70% संपत्ति शहरी क्षेत्रों में रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़ जिले में हैं। इसके साथ विवाद भी हैं। 68- केस हाईकोर्ट में। 71- वक्फ प्राधिकरण में। 3 केस-बिलासपुर सिविल कोर्ट में हैं।

वक्फ संपत्तियों को मुतवल्ली राजस्व रिकॉर्ड में नहीं चढ़वा रहे हैं। लापरवाही या जानबूझकर ऐसा करने से संपत्तियां बोर्ड के हाथों से निकल रही हैं। –सलाम रिजवी, पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड

दान मस्जिद को होता है, बोर्ड को नहीं। मुतवल्ली बोर्ड की नहीं सुनते, क्योंकि वे बोर्ड के कर्मचारी नहीं है। उनसे जानकारी मांगी है। नहीं देंगे तो शत्रु संपत्ति घोषित करवाएंगे। –डॉ. सलीम राज, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड

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