महाकुंभ में भगदड़,14 की मौत, श्रद्धालुओं की एंट्री लगी रोक, अमृत स्नान रद्द

प्रयागराज।प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की मध्यरात्रि को हुई भीषण भगदड़ में कम से कम 14 लोगों की जान चली गई। घटना के बाद प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया है और सभी 13 अखाड़ों ने मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है।

क्या हुआ?

अधिकारियों के मुताबिक, अफवाह फैलने के कारण संगम नोज पर अचानक भगदड़ मच गई। हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालु एक-दूसरे को कुचलते हुए भागने लगे, जिससे कई लोग घायल हो गए। घटनास्थल पर पहुंची आपातकालीन सेवाओं ने घायलों को अस्पतालों में पहुंचाया, लेकिन कई लोग अपनी जान गंवा चुके थे।मौनी अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं के एकत्र होने के कारण पहले से ही स्थिति तनावपूर्ण थी। इस भगदड़ ने महाकुंभ मेले में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सुरक्षा बढ़ाई

घटना के बाद संगम तट पर NSG कमांडो तैनात कर दिए गए हैं और क्षेत्र को सील कर दिया गया है।

अमृत स्नान रद्द

सभी 13 अखाड़ों ने मौनी अमावस्या के अमृत स्नान को रद्द कर दिया है।महाकुंभ के संगम स्थल पर हुई भगदड़ के बाद अखाड़ा परिषद ने सभी 13 अखाड़ों के लिए आज का अमृत स्नान रद्द करने का निर्णय लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, भगदड़ में कई लोग घायल हुए हैं, जिनका उपचार मेला क्षेत्र के सेक्टर 2 में स्थित केंद्रीय अस्पताल में किया जा रहा है।

श्रद्धालुओं का प्रवेश रोका

प्रयागराज शहर की सीमा वाले सभी जिलों में अधिकारियों को श्रद्धालुओं को रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

प्रधानमंत्री ने की CM योगी से बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से टेलीफोन पर बात की और घटना की जानकारी ली।बता दें हिंदू धर्म के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था। मनु ऋषि को सनातन धर्म में मानवता के पहले पुरुष के रूप में माना जाता है। यह मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन दान करने से शनि के दुष्प्रभाव में कमी आती है। इस दिन मौन रहकर और योगाभ्यास करने से मन को शांति प्राप्त होती है।

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