भगवान परशुराम प्रदत्त ज्ञान बुद्धि व शक्तियों का प्रयोग विश्व कल्याण में करते रहे – देवेश मिश्रा

  • द्विज एकता मंच ने किया आयोजन

दुर्ग ।विप्रजनों के आराध्य भगवान विष्णु के छठवे अवतार भगवान श्री परशुराम प्राकट्य उत्सव आज बोरसी नर नारायण मंदिर समीप में वैदिक मन्त्रोंपचार के साथ मनाया गया।भगवान परशुराम के छायाचित्र व मूर्ति की पूजा,आरती कर सर्वमंगल कामना की गई।इस दौरान पूरा वातावरण “जय जय परशुराम ” ब्राह्मण समाज की जय,ब्राह्मण एकता जिंदाबाद के नारों से गूंज उठा। चारों ओर विप्रजन खुशहाली उमंग उत्साह से सराबोर थे, और एक दूसरे को अपने इष्ट भगवान परशुराम के प्राकट्य होने की बधाई दे रहे थे। तत्पश्चात एक संगोष्ठी विप्रजनो द्वारा आयोजित की गयी। देवेश मिश्रा राष्ट्रीय प्रमुख सनातन धर्म रक्षावाहिनी भारत एवं द्विज एकता मंच अध्यक्ष ने कहा कि भगवान परशुराम ने समूचे विश्व में व्याप्त बुराइयों और अत्याचारियों का अंत करने अवतार लिया था, उन्होंने अपने ज्ञान तप बल पराक्रम और विवेक से सभी अत्याचारियों का समूल नाश किया और रामराज्य की स्थापना की। फलस्वरूप द्वापर युग में ही भगवान विष्णु के सातवे अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम राम अवतार हुआ।आज हम सभी ब्राह्मणो का कर्तव्य है किभगवान परशुराम प्रदत्त,वंशानुगत प्राप्त अपने ज्ञान बुद्धि शक्ति शस्त्र शास्त्र का प्रयोग विश्व कल्याण, शांति समृद्धि सनातन धर्म के रक्षार्थ करे।सभा को समाज प्रमुख स्वामी श्री श्री यज्ञानंद महाराज जी ने भगवान परशुराम के जीवन वृत्त की व्याख्या करते हुए निरंतर सभी ब्राह्मणों को जनसेवा व विश्व कल्याण अखंड भारत को समृद्ध करने कार्य करते रहने की प्रेरणा दी। सभा को अनीता तिवारी,अभिषेक शर्मा, सरिता मिश्रा, पिंकी झा, रानी उपाध्याय ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम के अंत में प्रसादी वितरण किया गया।इस दौरान ब्राह्मण समाज के अंजू शुक्ला,सचिन मिश्रालक्ष्मीकांत तिवारी,जे पी पाण्डेय,सुरेन्द्र शर्मा, विनय शर्मा,नरसिंह शर्मा,आर्येश मिश्रा, विश्वजीत शर्मा,अनुराग शुक्ला,सुरेन्द्र मोहन पाण्डेय, दिनेश तिवारी,सहित ब्राह्मण समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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