नई दिल्ली।वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। केंद्रीय कैबिनेट ने आज यानी गुरुवार को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ यानी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ बिल को मंजूरी दे दी है। सूत्रों का कहना है कि सरकार इस संबंध में संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में एक व्यापक विधेयक ला सकती है। एक देश एक चुनाव पर यह लेटेस्ट डेवलपमेंट ऐसे वक्त में आया है, जब बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का पुरजोर समर्थन किया था और कहा कि बार-बार चुनाव होने से देश की प्रगति में बाधा आ रही है।
संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे शुरू हुई। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी दलों की ओर से अडाणी मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा ने अमेरिकी व्यवसायी जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी के बीच कथित संबंध का मुद्दा उठाया। इसके बाद हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले राज्यसभा में सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस देने के बाद हंगामा हुआ। कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्ष को धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वह उच्च सदन में ‘सबसे बड़े व्यवधान’ हैं। खड़गे ने कहा कि उनके कार्यों ने देश की गरिमा को ठेस पहुंची है।
साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्यसभा के सभापति के खिलाफ कोई ‘व्यक्तिगत लड़ाई’ नहीं है। बुधवार को राज्यसभा में भी व्यवधान देखा गया जब वरिष्ठ भाजपा नेता जेपी नड्डा ने कांग्रेस-जॉर्ज सोरोस कथित संबंध पर चर्चा की मांग की। आज, सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में अंतिम विचार और पारित करने के लिए तीन विधेयक सूचीबद्ध किए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार बहुत जल्द इस विधेयक को संसद में पेश करेगी। उसके बाद विस्तार से चर्चा की जाएगी। सूत्रों की मानें तो सरकार ने यह तय कर लिया है कि यह एक व्यापक बिल के रूप में पेश किया जाएगा। इसके लिए सभी दलों की राय भी जरूरी होगी, क्योंकि यह बहुत बड़ा बदलाव होगा। इसलिए इसे पहले संसद की ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को भेजा जा सकता है। इसके बाद राज्यों की विधानसभाओं से इसे पास कराना होगा। संविधान संशोधन विधेयक होगा। कम से कम 50 फीसदी राज्यों से समर्थन की जरूरत होगी। अनुच्छेद 327 में संशोधन किया जाएगा और उसमें ‘एक देश एक चुनाव’ शब्द को शामिल किया जाएगा।
वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में एक कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मार्च में अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपी थी। केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले ही इन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सिर्फ 2 चरणों में चुनाव कराने की सिफारिश की है। सिफारिश के मुताबिक, पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं, जबकि दूसरे चरण में स्थानीय निकाय के लिए चुनाव कराए जाने चाहिए।