नई दिल्ली। अब पैसों की कमी के चलते देश के होनहार छात्रों को अपनी पढ़ाई बीच में नहीं छोड़नी पड़ेगी। केंद्र सरकार ने छात्रों की वित्तीय सहायता के लिए पीएम विद्यालक्ष्मी योजना शुरू की है। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के माध्यम से सालाना देश के करीब 22 लाख छात्रों को लाभ मिलेगा। हायर स्टडीज के लिए पैसे की दिक्कत नहीं होगी। यह योजना हर उस योग्य युवा को अच्छे कॉलेज में एडमिशन की गारंटी देगी, जो पैसे की कमी के चलते अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ देते थे। पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के जरिए योग्य छात्रों को 10 लाख रुपये तक का लोन आसानी से उपलब्ध कराया जाएगा।
सरकारी अधिसूचना के अनुसार, एक मिशन-उन्मुख दृष्टिकोण के माध्यम से, देश के टॉप 860 प्रतिष्ठित हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स में एडमिशन लेने वाले योग्य छात्रों को एजुकेशन लोन दिया जाएगा, जिससे सालाना 22 लाख से अधिक छात्र लाभान्वित होंगे।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना, देश के उन बेटे-बेटियों को आगे बढ़ने की राह आसान करेगी, जो आर्थिक दिक्कतों की वजह से अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं। पीएम विद्यालक्ष्मी पहल का उद्देश्य पिछले दशक में किए गए प्रयासों का विस्तार करके युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा की पहुंच को बढ़ाना है। इस योजना के तहत बिना किसी जमानत और बिना किसी गारंटी के एजुकेशन लोन दिया जाएगा। भारत सरकार 7.5 लाख रुपये तक की लोन अमाउंट के लिए 75% क्रेडिट गारंटी प्रदान करेगी, जिससे बैंकों को छात्रों के लिए अपने कवरेज और समर्थन का विस्तार करने में सहायता मिलेगी। यह योजना उन छात्रों के लिए 10 लाख रुपये तक के लोन पर 3% ब्याज लगेगा, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये तक है। यह 4.5 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले छात्रों को उपलब्ध मौजूदा पूर्ण ब्याज छूट के अतिरिक्त है।