भिलाईनगर ।सीजी दिल से सवाल करता है कि आखिर कब तक जन सेवक व अधिकारियों का सामंजस्य बैठेगा ! हर बार बारिश के मौसम में निकासी की समस्या पर राजनीति तो की जाती है। पर समस्याओं पर एकजुटता नहीं है। गर्मी में पानी के लिए हाहाकार और बरसात में पानी निकासी के लिए हाहाकार अब शहर की तकदीर बन गया है। संपत्ति कर लेने नगर निगम टेंट लगवा कर टैक्स देने का प्रपंच तो करता है ।किंतु बढ़ते शहरी क्षेत्रों पर टेंट लगाकर जमीन दलालों व भू माफियाओं को समझाइए क्यों नहीं देती ।
निगम प्रशासन पर जब भी उंगलियां उठती है तो निगम सरकार पर ध्यान न देने का पल्ला झाड़ देता है। और जनता इसी पेशों पेश पर हर मौसम कीमत झेलते आ रही है। नगर निगम भिलाई ऐसे भूमाफियों द्वारा काटे जा रहे अवैध प्लाट पर नकल तो कस्ती है ,लेकिन कुछ ही साल बाद वहां पर एक नई कॉलोनी बस जाती है। जिसकी परमिशन स्वयं नगर निगम के बड़े अधिकारी देते हैं।
वह भू माफिया जमीन बेचकर चल देता है ,लेकिन आम जनमानस को जो तकलीफ होती है वह यह की सड़क, बिजली के खंभे नाली और पानी निकासी की समस्या सबसे ज्यादा उत्पन्न होती है ,बढ़ते शहर को देखते हुए अगर समस्या से लड़ने की रूपरेखा नहीं तय की गई तो वह दिन ही भी दूर नहीं जब केरल,हिमाचल, उत्तराखंड जैसे अन्य प्रदेशों की हालत उत्पन्न हो सकते हैं ।जनता की आवाज सीजी से दिल से खबर हैं दिल से।