- कहां लगाये अपना ठेला, कैसे पाले अपने बच्चों का पेट, जिम्मेदार जनप्रतिनिध व निगम अधिकारी दे ध्यान
- अण्डरब्रिज से सेक्टर जाने वाले मार्ग पर रात के समय भारी अंधेरा, लोग हो सकते है लूट का शिकार
- पुलिस वालों के लिए बना वरदान, शुरू कर दिये चालनी कार्यवाही
भिलाई। टवीनसिटी के लोगों को सुशासन की राज्य सरकार ने कई अण्डरब्रिज और ओव्हरब्रिज मिले। इसी कडी में दो दिन पहले प्रारंभ हुए सुपेला अण्डरब्रिज से जहां लोगों को भारी राहत मिली है, वहीें गरीबों के लिए ये अण्डरब्रिज मुसीबत लेकर आ गया है। वहीं बडें व्यापारियों में बडी खुशी देखी जा रही है। बडे व्यापारियों ने अण्डरब्रिज खुलने की खुशी में राहगीरों को लडडू तक भी बांटे लेकिन दुखदाई पल भाजपा के विधायक रिकेश सेन के वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र में व्यापार करने वाले गुचचुप-चाट, दाबेली, भेलपूरी, भूजा, शेक का ठेला जो लगाते थे, उनके लिए व्यवस्थित जगह नही होने से उनके सामने रोजी रोटी का संकट गहरा गया है। इनके व्यवस्थापन की योजना का जिम्मा जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के साथ सबसे अधिक निगम के जिम्मेदार अधिकारियों था कि वे पहले से ही प्लान बनाकर इन्हें व्यवस्थित करें। ये बात सही है कि आकाशगगा में अवैध ठेले खोमचों की भरमार है, जिसके व्यवस्थापन की कोई भी योजना पिछले कांग्रेस के सरकार में भी नही हुई और अब भाजपा के इस सुशासन के सरकार के छ: माह बीत जाने के बाद भी गरीब आदमी और गरीब होता जा रहा है। आखिरकार गरीब ठेले खोमचे वाले अपनी गुहार किससे लगायें, किसके पास जाये, ये बडा प्रश्न है।
शहर सरकार की जिम्मेेदारी कांग्रेस के पास
चूंकि निगम में शहर सरकार की जिम्मेेदारी कांग्रेस संभाल रही हैं कांग्रेस की सरकार में जिस तरह घडी चौक के पास स्थित पूर्व सांसद चंदूलाल चन्द्राकर का प्रतिमा का सौन्दर्यीकरण और वही पर स्थित बने ताजमहल की आकृति का सौन्दर्यीकरण का काम हुआ। कांग्रेस की सरकार रहते ही प्रमुख चैक चैराहों पर वेडिंग जोन भी बनाकर गुमटी आबंटित की गई, लेकिन सुपेला रेलवे फाटक के आस पास लगने वाले ठेले खोमचे वालों के लिए आज करोडों की लागत से बनने वाले अण्डरब्रिज बन तो जरूर गया लेकिन ठेले खोमचे वालों वालें के लिए रेाजीरोटी का प्रश्न खडा हो गया कि आखिर वे अब अपना ठेला खोमचा कहा लगाकर रोजी रोटी कर अपने बच्चों का पेट पाल सके। शहर के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और आयुक्त को चाहिए कि इनकी व्यवस्थापन करें। ज्ञातव्य हो कि गत चार माह पूर्व तत्कालीन कलेक्टर पुष्पेन्द्र मीणा ने निगम आयुक्त को आदेशित किया था कि सुपेला रेलवे क्रासिंग लाईन सहित सुपेला में लगने वाले ठेले खोमचे वालों का सौ दिन के अंदर व्यवस्थापन करें लेकिन कलेक्टर पुष्पेन्द्र मीणा के जाने के बाद निगम प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नही दिया।
टाउनशिप की ओर हो सकता है दुकान लगाने के लिए अवैध कब्जा
नये अण्डरब्रिज बनने से बीएसपी टाउनशिप एरिया के सेक्टर 2 और सेक्टर 6 के आने और जाने वाले मार्ग पर फिलहाल अभी तो कोई भी अवैध कब्जा नही दिख रहा है, लेकिन आने वाले समय में यहां पर भी दुकाने सजने की पूरी संभावना है। हालांकि बीएसपी अपनी खाली पडी जमीनों पर अभी लगातार वर्षारितु को देखते हुए फेंसिंग कर बडे पैमाने पर वृक्षारोपण कर रहा है। लेकिन इस डबल इंजन की सरकार में आम जनता व कार्यकर्ता एवं नेता कितना दुकान लगाने में यहां सफल हो पायेंगे ये समय ही बतायेगा या फिर बीएसपी के अधिकारी वहां अवैध कब्जा नही होने देंगे या नेतागिरी के आगे नतमस्तक हो जायेंगे ये भी समय की गर्त में है।
अण्डरब्रिज से सुपेला से सेक्टर की ओर जाने वाले मार्ग भर भारी अंधेरा
सुपेला अण्डरब्रिज में तो जबर्दस्त लाईट लगी है, सुपेला की ओर और सुपेला से सेक्टर की आरे आने जाने वाले मार्ग पर प्रकाश व्यवस्था का बूरा हाल है, हालांकि जेपी चौक पर हाईमास्क लाईट तो लगा है लेकिन सेक्टर 2 की ओर निकलने वाले अण्डरब्रिज तक इसकी रोशनी नही पहुंचती है, खासकर सुपेला से निकलकर सेक्टर की ओर जाने वाले सेक्टर 2 के सामने भारी अंधेरा है और यहां जंगल झाडी भी अत्यधिक है जो चोरो और चेन स्नेचरों के लिए बडा वरदान साबित हो सकता है। जे पी चौक से चन्द्रा मौर्या अण्डरब्रिज जाने वाले गैरेज रोड का जो रास्ता हैं वहां सेक्टर क्षेत्र की ओर जाने के लिए मुडने पर कभी भी बडी दुर्घटना हो सकती है।
ट्राफिक पुलिस के लिए बना वरदान, शुरू कर दिये चालानी कार्यवाही
सुपेला का नवनिर्मित अण्डरब्रिज एक ओर जहां राहगीरों के लिए राहत लेकर आया है वही अब लोगों के लिए परेषानी भी शुरू हो गई क्योंकि अब ट्राफिक पुलिस की नजर यहां गड गई है और अब सुपेला से सेक्टर जाने वाले अण्डरब्रिज के मार्ग पर अण्डरब्रिज का ये मार्ग ट्राफिक पुलिस के लिए वरदान बन गया है क्येांकि अण्डरब्रिज से निकलते ही ट्राफिक पुलिस लोगों को रोककर चालान काटना शुरू कर दी है।