किडनी एवं मूत्र संस्थान के रोगियों के लिए वरदान बना आरोग्यम

भिलाई। दुनिया भर में किडनी रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. भारत भी इसका अपवाद नहीं है. आरोग्यम सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में किडनी और मूत्र संस्थान के जटिलतम रोगों के इलाज की पूरी सुविधा उपलब्ध कराई गई है. राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग द्वारा आरोग्यम को किडनी प्रत्यारोपण की भी मंजूरी प्रदान की गई है. इस केन्द्र में प्रतिमाह 900 से एक हजार मरीजों की डायलिसिस की जाती है.आरोग्यम के किडनी विशेषज्ञ डॉ आरके साहू ने बताया कि दुनिया भर में किडनी के लगभग 85 करोड़ मरीज हैं. देश में भी 75 लाख से ज्यादा मरीज किडनी की विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं. पहले जहां ऐसे रोगियों को इलाज के लिए भटकना पड़ता था वहीं अब सरकार की मदद से उन्हें सरकारी के साथ-साथ निजी चिकित्सालयों में भी मुफ्त इलाज मिल रहा है. आरोग्यम में भी आयुष्मान योजना के अंतर्गत अब तक 15 हजार से ज्यादा रोगियों का इलाज किया जा चुका है.संचालक यूरोसर्जन डॉ नवीन राम दारूका ने बताया कि आरोग्यम की स्थापना ऐसे स्थानीय मरीजों की सेवा के लिए की गई थी जिन्हें पहले दूसरे शहरों में जाकर इलाज कराना पड़ता था. किडनी की पथरी से लेकर किडनी का सिकुड़ना, किडनी की नलियों का सिकुड़ना या उनमें अवरोध उत्पन्न होना जैसी बीमारियों के लिए यहां अत्याधुनिक दूरबीन पद्धति से इलाज की सुविधा विकसित की गई. इसके साथ ही मूत्र संस्थान के जटिल से जटिल रोगों का इलाज यहां किया जाता है.उन्होंने बताया कि कई बार रोगी की हालत इसलिए बिगड़ जाती है क्योंकि उनके रोग के लक्षणों की पहचान नहीं हो पाती. इसके लिए राज्य के चिकित्सकों को अपग्रेड करने के लिए विशेषज्ञ कार्यशालाओं का भी आयोजन आरोग्यम में किया जाता है. दिल्ली समेत देश के दूसरे हिस्सों से प्रसिद्ध नेफ्रोलॉजिस्ट एवं यूरोलॉजिस्ट को इन कार्यशालाओं में आमंत्रित किया जाता है जो रोगी का इलाज करने के साथ ही इन चिकित्सकों को प्रशिक्षण प्रदान करते हैं. आरोग्यम का लक्ष्य किडनी एवं मूत्र संस्थान के जटिल रोगों की जल्द से जल्द पहचान करने के लिए चिकित्सकों को तैयार करना भी है ताकि रोग गंभीर अवस्था तक न पहुंचे.डॉ दारूका ने बताया कि मदर्स डे के उपलक्ष्य में सोमवार को ओपीडी फ्री कर दी गयी है। इसके साथ ही जांच और भर्ती होने पर इलाज एवं दवा में भी छूट दी जाएगी।

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