गोल्डन वॉयस अवार्ड” के प्रतिभागियों का भजन सम्राट प्रभंजय ने किया सम्मान

भिलाई। प्रख्यात भजन एवं गजल गायक पं.प्रभंजय चतुर्वेदी ने कैरी ओकी सिंगर्स को साधुवाद देते हुए कहा कि संगीत से जुड़ना प्रकृति और ईश्वर से जुड़ने जैसा है. हमारे आसपास भांति-भांति की ध्वनियां होती हैं. जब इन्हें हम सुर-ताल में बांध देते हैं तो वही संगीत हो जाता है. पं चतुर्वेदी गोल्डन वॉयस स्टूडियो द्वारा 50 पार के लोगों के लिए ऑनलाइन आयोजित राष्ट्रीय कैरीओकी संगीत प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे.
मुख्य अतिथि की आसंदी से समारोह को संबोधित करते हुए पं. चतुर्वेदी ने कहा कि कैरीओकी ने सुगम संगीत को आसान बना दिया है पर ऐसे सिंगर्स को बीच-बीच में बिना संगीत के गाकर अपनी आवाज भी सुननी चाहिए. इससे उनकी गायकी बेहतर हो जाएगी. उन्होंने जावेद अख्तर की गजल ‘तुमको देखा तो ये ख्याल आया’ की प्रस्तुति भी दी.
आयोजन के विशिष्ट अतिथि हाईटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिट्ल के सर्जन डॉ नविल कुमार शर्मा, एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन की डायरेक्टर डॉ श्रीलेखा विरुलकर एवं खण्डवा से पधारे गायक सितांशु गीते के करकमलों से विजेताओं को पुरस्कृत किया गया. पुरुष वर्ग का प्रथम पुरस्कार वदोदरा के न्यूरो सर्जन डॉ यशेश दलाल को दिया गया. उनकी अनुपस्थिति में पुरस्कार डॉ नवील शर्मा ने प्राप्त किया. द्वितीय पुरस्कार वसई मुम्बई के ओस्वाल्ड अंड्राडे को प्रदान किया गया. तृतीय पुरस्कार भिलाई के कुलदीप अरविन्द जी को दिया गया. महिला वर्ग में प्रथम पुरस्कार कटक की जबीन अदेनी एवं द्वितीय पुरस्कार भिलाई के माया बघेल को प्रदान किया गया. श्री गीते को वॉयस ऑफ किशोर सम्मान से नवाजा गया.
एमजे कालेज के स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजित इस समारोह में वरिष्ठतम सिंगर्स वर्ग में चित्रगुप्त मंदिर समिति सेक्टर-6 के पूर्व अध्यक्ष विनोद प्रसाद एवं बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व प्रबंधक मुकेश भटनागर को सम्मानित किया गया. फायनलिस्ट में क्रमश बाल्य रोग विशेषज्ञ डॉ आशीष जैन, पूनाराम काम्बले, राजेश कुमार कन्नौजे, अशोक धावले, सुशील भालेकर, श्री शंकराचार्य महाविद्यालय की सहा. प्राध्यापक लक्ष्मी वर्मा, आईडी चन्द्राकर, आशा वर्मा, विद्या भट्टाचार्या तथा चंद्रपुर (महाराष्ट्र) के डॉ विजय गेडाम को प्रदान किया गया. विजयानगरम के वेंकट नंदीमिन्टी को क्षेत्रीय भाषा में गायन के लिए पुरस्कृत किया गया. उनके चाचाजी ने उनके लिए यह पुरस्कार प्राप्त किया.
कार्यक्रम का संचालन गोल्डन वायस स्टूडियो के संचालक दीपक रंजन दास ने किया. आयोजन को सफल बनाने में गोल्डन वायस स्टूडियो एवं बिग थैंक्यू फाउंडेशन के संजय मोरे एवं सुशील भालेकर की महत्वपूर्ण भूमिका रही. मेजबान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने धन्यवाद ज्ञापन किया. पुरस्कार वितरण एवं सम्मान समारोह के पश्चात सभी प्रतिभागियों ने गीतों की सुमधुर प्रस्तुतियां दीं.

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