भिलाई में महादेव ऑनलाइन सट्टा एप चलाने वाला फरार आरोपी रविकांत मिश्रा गिरफ्तार ;एक आरोपी फरार,पुलिस लेगी रिमांड करेगी पूछताछ

भिलाई नगर। भिलाई में महादेव आनलाइन सट्टा चलाने वाले फरार आरोपी रविकांत मिश्रा और गोविंदा चौहान में से पुलिस ने रवि मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है। गोविंदा चौहान की तलाश की जा रही है। पुलिस रवि का पुलिस रिमांड लेगी इसके बाद उससे आगे की पूछताछ की जाएगी कि उसे ऑनलाइन सट्टा की आईडी किसने दी।

सुपेला थाने से मिली जानकारी के मुताबिक रविकांत मिश्रा और गोविंदा चौहान के खिलाफ सितंबर 2024 में मामला दर्ज किया गया था। तब से दोनों आरोपी फरार था। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली थी कि रवि मिश्रा और गोविंदा चौहान दोनों भिलाई में ही छिपकर रह रहे हैं।

इतना ही नहीं रवि मिश्रा ने फरारी के दौरान ही एक लड़की से सगाई तक कर ली है। इसके बाद पुलिस एक्टिव हुई। मंगलवार देर रात सुपेला पुलिस की एक टीम रवि मिश्रा के फ्लैट में पहुंची और उसे वहां गिरफ्तार कर थाने लाई। पुलिस अभी इस गिरफ्तारी की अधिकारिक पुष्टि नहीं कर रही है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि उसे आज शाम कोर्ट में पेश किया जाएगा और पुलिस रिमांड में लिया जाएगा।

पुलिस रवि मिश्रा का पुलिस रिमांड आज कोर्ट से लेगी। इसके बाद उससे पूछताछ की जाएगी कि वो महादेव की आईडी कहां से लाया। महादेव सट्टा से जुड़े किन किन लोगों के साथ वो काम करता था। उसने फर्जी खातों का इंतजाम कैसे किया। इस पूछताछ में रवि मिश्रा कई चौकाने वाले नामो का खुलासा कर सकता है।

खाते में मिला था करोड़ों का ट्रांजेक्शन…रवि मिश्रा और गोविंदा चौहान कुछ समय पहले तक एक मध्यम वर्ग परिवार के लड़के थे। इसके बाद दोनो ने एक न्यूज पोर्टल खोला और फिर उसकी आड़ में महादेव आईडी का संचालन करवाने लगे। देखते ही देखते कुछ महीने के अंदर ही दोनो के पास खुद का मकान फ्लैट, थार और स्कार्पियो गाड़ी आ गई। महंगी बाइक आ गई। इतना ही नहीं उनके खाते में 1 करोड़ 65 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन भी पाया गया था। इसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ धारा 420 का मामला दर्ज किया था।

चाय वाले के नाम पर खुलवा दिया फर्जी खाता…पुलिस ने सितंबर 2024 में धीरज महतो नाम के युवक को गिरफ्तार किया था। उसने पुलिस को बताया कि वो जुनवानी रोड में चाय की दुकान चलाता है। रविकांत मिश्रा और गोविंदा चौहान खुद को पत्रकार बताकर अक्सर उनकी दुकान आया-जाया करते थे। इससे उनकी अच्छी पहचान हो गई। इसके बाद उन्होंने उसे और उसके दोस्त मुकेश तांडी को पैसों का लालच देकर फर्जी खाता खुलवाया था।धीरत ने बताया कि रवि और गोविंदा ने उनके नाम पर आईडीएफसी बैंक नेहरू नगर में खाता तो खुलवाया, लेकिन मोबाइल नंबर अपना डलवाकर उस खाते का खुद ही संचालन करने लगे। जब धीरज ने इस पर सवाल किया तो उसके मोबाइल नंबर से सिस्टम पर खाता अपडेट नहीं होने की बात कही, इसलिए उन्होंने अपना नंबर दे दिया। वो लोग एटीएम भी अपने पास रखे हुए थे।

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