राजनांदगांव पुलिस भर्ती रद्द, गड़बड़ी की शिकायत के बाद बड़ा एक्शन,SIT करेगी जांच:3 हजार अभ्यर्थियों के अंकों की गलत एंट्री

रायपुर।छत्तीसगढ़ सरकार ने राजनांदगांव आरक्षक भर्ती में गड़बड़ी और सुसाइड के बाद रद्द कर दिया है। CM साय के निर्देश पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने यह फैसला लिया। वहीं IG दीपक कुमार झा ने जांच के लिए SIT टीम बनाई है, जो 10 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। भर्ती में करीब 3 हजार अभ्यर्थियों के अंकों की गलत एंट्री की गई है।

पुलिस भर्ती प्रक्रिया में धांधली की शिकायत…राजनांदगांव में भर्ती प्रक्रिया में लगातार धांधली की बात सामने आ रही थी। इसे लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा भी था और बयान भी दिया था कि राजनांदगांव में पुलिस भर्ती प्रक्रिया में धांधली की जा रही है। इसके बाद इस विषय की जांच शुरू हुई थी, जिसमें कई बिंदुओं पर गलतियां पाई गई थी।

जांच के बाद गिरफ्तारी जारी…इस मामले में प्राथमिक जांच के बाद आरक्षक सहित कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें चार आरक्षकों में परिधि निषाद, योगेश कुमार धुर्वे, पवन कुमार साहू, नोटेश्वरी धुर्वे हैं, जो छत्तीसगढ़ पुलिस में आरक्षक हैं। इन्हें पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि यह भर्ती प्रक्रिया में पैसे के लेनदेन की प्रक्रिया करते थे। बीते कल 24 दिसंबर को पुलिस ने एक महिला अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया है। इस तरह कुल कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने का निर्देश… इन गिरफ्तारियां के बाद जांच प्रक्रिया को और तेज किया गया था और अब आज यानी 25 दिसंबर को मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृहमंत्री ने राजनांदगांव में पुलिस भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह से निरस्त करने का निर्देश जारी कर दिया है।

आपने स्वीकार कर लिया है कि गड़बड़ी हुई- कांग्रेस…कांग्रेस संचार प्रदेश प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रक्रिया रद्द करने से काम नहीं चलेगा। प्रक्रिया रद्द करके आपने स्वीकार कर लिया है कि गड़बड़ी हुई है। इस मामले में एक कॉन्स्टेबल ने भी आत्महत्या की है, जिसे आपने कथित तौर पर दोषी बताया था।उन्होंने कहा कि जिस लड़की ने मामले में लीपापोती की शिकायत की थी, आपने उसे भी जेल में डाल दिया है। उसे ही आरोपी बना दिया है। आत्महत्या केस की सीबीआई जांच होनी चाहिए। हाईकोर्ट के जज की निगरानी में न्यायिक जांच होनी चाहिए, जिसने गड़बड़ी की है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

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