रायपुर। प्रदेश में बीएड प्रशिक्षित 2900 सहायक शिक्षकों की नौकरी 10 दिसंबर को चली जाएगी। दो दिन पहले हाईकोर्ट ने डीएड मामले में सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि 7 दिन में डीएड शिक्षकों की मेरिट सूची बनाएं। जब उनकी सूची तय होगी, तो पहले से तैनात बीएड शिक्षकों को कुर्सी छोड़नी पड़ेगी।
इनके नौकरी पर संकट के पीछे की वजह सामने आई राजनीति… 2 जुलाई 2023 को सहायक शिक्षक परिणाम और मेरिट सूची आ गई थी। इस बीच, 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता का हवाला देकर बीएड को प्राथमिक स्कूलों में शिक्षण हेतु अमान्य कर दिया।यानी 10 अगस्त से पहले जिन्हें नौकरी मिली, उन्हें मान्य कर लिया गया। यहां छत्तीसगढ़ में ढाई महीने तक काउंसिलिंग नहीं हो पाई। वहीं बिहार में 4 दिन में काउंसिलिंग कर नियुक्ति पत्र दे दिए गए थे। शिक्षक बताते हैं कि चुनावी साल होने से इसमें लेटलतीफी होती गई। 21 सितंबर को नियुिक्त पत्र बने।25 सितंबर 2023 को बिलासपुर में राहुल गांधी की सभा हुई, उसमें शिक्षकों को नियुिक्त पत्र देकर कांग्रेस सरकार ने बताया कि हम युवाओं को नौकरी दे रहे हैं। 6 महीने बाद हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना मानते हुए इन शिक्षकों को पदमुक्ति का आदेश दे दिया।
हम तो बर्बाद हो गए…बीएड को सरकार ने शामिल किया तब हमनें परीक्षा दी। अब हटाया जा रहा है तो सरकार को ही संज्ञान लेना चाहिए। 14 महीने से हम लोग कानूनी लड़ाई में अपनी पूरी सैलरी दे चुके हैं। अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में हमारा केस लड़ा था। करीब अब तक 2 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। लेकिन न्याय नहीं मिला-निशांत वर्मा, सहायक शिक्षक
मामला भर्ती निकलने से लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने तक
- 4 मई 2023 शिक्षक भर्ती परीक्षा का नोटिफिकेशन। बीएड वालों को सहायक शिक्षक के योग्य माना गया।
- 10 जून 2023 परीक्षा हुई और 2 जुलाई 2023 को परिणाम के साथ मेरिट सूची जारी हुई।
- 11 अगस्त 2023 सुप्रीम कोर्ट ने गुणवत्ता का हवाला देकर बीएड को प्राथमिक स्कूलों के लिए अमान्य बताया।
- 21 अगस्त 2023 डीएड अभ्यर्थियों की याचिका पर हाईकोर्ट ने बीएड की काउंसलिंग पर रोक लगाई।
- अगस्त 2023 बीएड प्रशिक्षण वाले हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए, वहां से राहत मिली।
- 21 सितंबर 2023 नियुक्ति पत्र तैयार हो जाते हैं। 4 दिन बाद बिलासपुर में राहुल गांधी के हाथों बंटवाए गए।
- 2 अप्रैल 2024 छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट ने बीएड वालों को पदमुिक्त का आदेश दिया। शिक्षक सुप्रीम कोर्ट चले गए।
- 28 अगस्त 2024 सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शासन और बीएड प्रशिक्षितों की याचिका को रद कर दिया।
- 28 नवंबर 2024 डीएड अभ्यर्थियों की सुनवाई पर हाईकोर्ट ने उन्हें नौकरी देने के लिए कहा।
खाली पदों पर समायोजन है विकल्प…बीएड वालों की लड़ाई लड़ रहे आदित्य शर्मा पूछते हैं कि हमारी क्या गलती है। डीएड वालों के साथ हमने परीक्षा पास की। 14 माह नौकरी की, अब हटा दिया जाएगा तो कहा जाएंगे। सरकार चाहे तो हमारा समायोजन कर सकती है। वर्तमन में वर्ग-2 में 10, 676 पद, वर्ग-3 में 27,200 पद और सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला के 5000 पद खाली है।इसमें कहीं भी हमें समायोजित किया जा सकता है। हाईकोर्ट के जज नरेंद्र कुमार व्यास ने भी कहा है कि नौकरी छीनना किसी समस्या का समाधान नहीं है।
डेढ लाख आवेदन…2023 में सहायक शिक्षक के 6,285 पदों के लिए वैकेंसी निकली। वैसे तो हमेशा इसके लिए डीएड वाले ही भाग लेते थे, लेकिन पहली बार बीएड वालों ने भी फार्म भरे। कुल 1.46 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसमें मेरिट स्तर से 2897 बीएड प्रशिक्षितों को नौकरी मिली बाकी डीएड वालों को। अब डीएड वालों का कहना है कि इन शिक्षकों को हटाया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रारंभिक शिक्षा यानी कक्षा एक से पांच के लिए बीएड वाले शिक्षक पात्र नहीं है। इसका अर्थ है कि जहां भी बीएड शिक्षक प्राथमिक कक्षाओं को पढ़ा रहे हैं उन्हें हटाना होगा। -प्रफुल्ल भारत, महाधिवक्ता, छत्तीसगढ़ शासन
ये है मामला छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा विभाग में 2023 में 12489 पदों का विज्ञापन जारी हुआ था। जिसमें से 6285 पद सहायक शिक्षक के थे। चूंकि सहायक शिक्षक की योग्यता को लेकर छत्तीसगढ़ में मामला लंबित था, छत्तीसगढ़ राज्य में सहायक शिक्षकों की पदों पर भी बीएड धारकों को शर्तों के आधार पर नियुक्तियां दे दी गई। 2 अप्रैल 2024 को छत्तीसगढ़ राज्य की हाई कोर्ट ने बीएड धारकों को सहायक शिक्षक पद के लिए अमान्य माना और शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि 42 दिनों के अंदर पुनरीक्षित सूची जारी कर डिप्लोमा धारकों को नियुक्तियां दे दी जाए।