नई दिल्ली। अडानी ग्रुप मामले को लेकर राजनीति तेज हो गई है, कांग्रेस लगातार हमलावर है। अडानी मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ी कर रही है। इस बीच तेलंगाना से बड़ी खबर आ रही है, तेलंगाना सरकार ने अडानी ग्रुप के द्वारा दिए गए 100 करोड़ रुपये स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है. दरअसल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का कहना कि Young India Skill University के लिए तमाम कंपनियों के लिए फंड दिए थे। इसी कड़ी में अडानी ग्रुप ने भी 100 करोड़ रुपये दिए थे। लेकिन अब राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि अडानी ग्रुप की ओर से दिए फंड को स्वीकार नहीं किया जाएगा, यानी अडानी ग्रुप के 100 करोड़ रुपये लौटा दिए जाएंगे।
बता दें, अमेरिकी जांच एजेंसी की ओर से अडानी ग्रुप पर सवाल उठाने जाए के कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार हमलावर हैं, पिछले दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने सरकार पर गौतम अडानी को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि वो हर दिन इस मामले को उठाएंगे।
इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा था कि अडानी ग्रुप को देश में मिले सभी कामों की जांच होनी चाहिए, जिसके बाद राहुल गांधी से सवाल किया गया था कि कांग्रेस शासित राज्यों में भी अडानी के बड़े प्रोजेक्ट हैं, और तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने तो यंग इंडिया स्किल के नाम पर अडानी ग्रुप से 100 करोड़ रुपये की मदद भी ली है।
उसके बाद राहुल गांधी ने कहा था कि जो भी हो… सब जांच के दायरे में आएंगे, और उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, उन्होंने तो गौतम अडानी की गिरफ्तारी तक की मांग कर दी थी। अब राहुल गांधी के सख्त रवैये के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अडानी ग्रुप से 100 करोड़ रुपये नहीं लेने का फैसला किया है।
तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने क्यों लिया ये फैसला?अमेरिका में अडानी पर आरोप लगने के बाद, तेलंगाना सरकार और मुख्यमंत्री रेड्डी को राज्य में निवेश के लिए अडानी ग्रुप को लगातार लुभाने के लिए भारत राष्ट्र समिति और भाजपा की आलोचना का सामना करना पड़ा। आलोचना के बाद सीएम रेड्डी ने कहा, “तेलंगाना के सम्मान और गरिमा की रक्षा करने तथा मेरे और मेरे कैबिनेट सहयोगियों से जुड़े किसी भी अवांछित विवाद से बचने के लिए हमने अडानी के दान को अस्वीकार करने का फैसला किया है। हमने किसी से एक रुपया भी नहीं लिया है।